DA MERGER
“DA Merger और फिटमेंट फैक्टर 2.86 की उम्मीद मुश्किल, क्यों? विशेषज्ञों ने समझाया”
विशेषज्ञों का कहना है कि आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होना लगभग नामुमकिन है। दरअसल, नए वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही सैलरी बढ़ोतरी हो जाएगी, जिससे फिटमेंट फैक्टर की माँग पर असर पड़ेगा।
फिटमेंट फैक्टर क्यों है ज़रूरी?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक है जो सरकार कर्मचारियों के पुराने वेतन को नए वेतन आयोग के स्तर पर “फिट” करने के लिए इस्तेमाल करती है। यह सीधे-सीधे वेतन वृद्धि का आधार बनता है। उदाहरण के लिए, सातवें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हुई। इस बार कर्मचारी संगठन 2.86 फिटमेंट फैक्टर की माँग कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसे “अवास्तविक” बता रहे हैं।
बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो क्या होगा असर?
महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मिलाने से न सिर्फ मूल वेतन बढ़ेगा, बल्कि इसका असर अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा। जैसे:
- HRA (मकान किराया भत्ता): यह बेसिक सैलरी के प्रतिशत पर निर्भर करता है।
- ट्रांसपोर्ट भत्ता: यह भी बेसिक पे के हिसाब से तय होता है।
इसके अलावा, पेंशनभोगियों को भी फायदा होगा, क्योंकि उनकी पेंशन बेसिक सैलरी के आधार पर कैलकुलेट होती है।
पेंशनर्स को कैसे मिलेगा लाभ?
DA और बेसिक सैलरी के विलय से पेंशनर्स की आय में भी सीधा इज़ाफा होगा। मान लीजिए, अगर किसी पेंशनर की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और DA 30% है, तो विलय के बाद नई बेसिक सैलरी 65,000 रुपये हो जाएगी। इससे पेंशन भी बढ़ेगी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
वेतन नीति विशेषज्ञ डॉ. राजीव शर्मा के मुताबिक, “DA को बेसिक सैलरी में मिलाना एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन इस बार कर्मचारियों की उम्मीदें ज़्यादा हैं। फिटमेंट फैक्टर 2.86 माँगना समझदारी नहीं, क्योंकि सरकार पहले ही वेतन बढ़ा चुकी होगी।”
अब क्या करें कर्मचारी?
सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग के दौरान DA विलय और फिटमेंट फैक्टर पर बड़ी बहस होगी। कर्मचारियों को सलाह है कि वे अपने संगठनों के साथ जुड़े रहें और सरकारी अपडेट्स पर नज़र बनाए रखें।
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