दिल्लीवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी! दिल्ली सरकार 5 अप्रैल से आयुष्मान भारत योजना (PMJAY) की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज 10 लाख रुपए तक मिलेगा, जिसमें से 7 लाख रुपए का खर्च सरकार उठाएगी। इस पहल का मकसद दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना है, ताकि आम लोगों को बेहतर इलाज मिल सके।
गरीब परिवारों को मिलेगी पहली प्राथमिकता
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि इस योजना में सबसे पहले गरीब तबके के लोगों को शामिल किया जाएगा। खासकर अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के लाभार्थी परिवारों और प्राथमिकता वाले घरों का रजिस्ट्रेशन 10 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। मंत्री ने कहा, “हमारी कोशिश है कि जिन्हें सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है, उन्हें सबसे पहले आयुष्मान कार्ड मिले। इसके बाद ही योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा।”
डिजिटल सुधारों पर भी जोर
इस योजना के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड ऑनलाइन स्टोर किए जाएंगे, जिससे डॉक्टरों को इलाज में आसानी होगी और सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था पर बेहतर नजर रख पाएगी। इसके लिए आयुष्मान डिजिटल मिशन के तहत 10 करोड़ रुपए भी आवंटित किए गए हैं।
बजट में 48% की बढ़ोतरी, कहां खर्च होंगे पैसे?
दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य बजट में पिछले साल के मुकाबले 48% की भारी बढ़ोतरी की है। इस साल 12,893 करोड़ रुपए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किए जाएंगे। इस रकम का बड़ा हिस्सा आयुष्मान भारत समेत केंद्र की योजनाओं पर लगेगा। इसमें PM-ABHIM योजना के लिए 1,666 करोड़ और AB-PMJAY के लिए 147 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
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अंत्योदय योजना क्या है?
अंत्योदय अन्न योजना साल 2000 में शुरू हुई थी, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवारों को 3 रुपए/kg चावल और 2 रुपए/kg गेहूं देने का प्रावधान है। दिल्ली सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को ही आयुष्मान भारत में प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
26 साल बाद बदलाव की उम्मीद
दिल्ली में पिछले 26 वर्षों से आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हो पाई थी। भाजपा की नई सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही इस पर मुहर लगाकर बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत सुधरेगी, और गरीबों को महंगे इलाज के लिए कर्ज या भीख नहीं मांगनी पड़ेगी।
यह योजना न सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि डिजिटल रिकॉर्ड के जरिए मरीजों की सही मॉनिटरिंग भी करेगी। अब देखना है कि यह सरकारी वादा जमीन पर कितना उतर पाता है!